Saturday, November 11, 2017

ज्योतिष क्या है और यह कैसे कार्य करता है? सृष्टि के घटना चक्र में ज्योतिष कितना प्रभावी है

ज्योतिष के बारे में वैसे आप सभी जानते हैं परंतु मैं आपको  यहां पर रटा-रटाया या किताबी ज्ञान से हटकर कुछ प्रैक्टिकल बाते बताना चाहूंगा कि ज्योतिष की उत्पत्ति कैसे हुई, कैसे ज्योतिष कार्य करता है, ज्योतिष का असल मूल बेस क्या है और मनुष्य के जीवन में ज्योतिष कितना प्रभावी है। मैं चाहता हूं कि आप ज्योतिष के माध्यम से इस पूरी सृष्टि के घटना चक्र को अच्छे से समझे।
परमात्मा ने सर्वप्रथम यह ब्रम्हांड बनाया इसी ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी है इस पृथ्वी के आसपास अनेकों उल्कापिंड और ग्रह हैं जो हमारी पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। चक्कर लगाते समय उन ग्रहों का प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है। यहां मैं एक एग्जांपल देता हूं जैसे सूर्य और चंद्रमा के घूमने से पृथ्वी पर दिन और रात होती है उसी तरह बाकी ग्रहों के घूमने से भी उनका प्रभाव धरती पर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अंन्दर उन्हीं प्रमुख ग्रहों को लिया गया जो कि पृथ्वी पर अपना प्रभाव और अपनी एनर्जी छोड़ते हैं जिस प्रकार सूर्य की एनर्जी और किरणे धरती पर आती है और पृथ्वी गरम हो जाती है उसी तरह अन्य ग्रहों की भी एनर्जी धरती पर आती है और उनका प्रभाव धरती पर होता हैं। इन्हीं ग्रहों की चाल से होने वाले प्रभाव से भूत भविष्य और वर्तमान की गणना की जाती है। इनके ग्रहों पर उनके वातावरण के हिसाब से प्रतिक्रियाएं होती रहती हैं उसी हिसाब से इनका एनर्जी और उस ग्रह का रंग भी अलग अलग होता है। जिस तरह सूर्य आग का गोला है और सूर्य पर आग ही आग है इसीलिए सूर्य की गरम और सुनहरे रंग की एनर्जी धरती पर आती है इसी प्रकार चंद्रमा पर बहुत ज्यादा ठंडक है इसीलिए चंद्रमा की शीतल और सफेद एनर्जी पृथ्वी पर आती है। इसी प्रकार से मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि की अलग अलग एनर्जी भी
पृथ्वी पर आती है।  अगर हम ग्रहों के रंग की बात करें तो सूर्य सुनहरे रंग का, चंद्रमा सफेद रंग का, मंगल लाल रंग का, बुद्ध हरे रंग का, गुरु पीले रंग का, शुक्र गुलाबी रंग का और शनी नीले रंग का है और इन्ही रंग की एनर्जी पृथ्वी पर आती है। यही एनर्जी मनुष्य को प्रभावित करती है और इन्हीं ग्रहों से आ रही एनर्जी गणना करके  उसका फलादेश बताना ही ज्योतिष है। अब यहां पर दो प्रश्न दिमाग में घूमते हैं कि : 
प्रश्न नंबर 1 - ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई? और 
प्रश्न नंबर 2 - मनुष्य जो भी कर्म करता है तो क्या वह कर्म  ग्रह कराते हैं?
इन दोनों प्रश्नों का उत्तर मैं जल्दी अपनी आने वाली पोस्ट में दूंगा। अगर आपका भी कोई प्रश्न या समस्या हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

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