मैंने अपनी पिछली पोस्ट में बताया था कि विज्ञान ज्योतिष से बहुत छोटा है। इसे मैं एक बहुत ही छोटे से उदाहरण से समझाता हूँ कि ज्योतिष की आवश्यता त्रेता युग में पड़ी इसका अर्थ यह नहीं है कि ज्योतिष के बारे में त्रेता युग में ही पता लगा अपितु ज्योतिष का उदय सतयुग में हुआ था और इसका अंत कलयुग में होगा। जबकि विज्ञान के आविष्कार कलयुग में ही प्रारंभ हुए और कलयुग में ही खत्म हो जाएंगे। त्रेता युग में रावण ज्योतिष का प्रकांड पंडित था जिसने सभी ग्रहों पर विजय प्राप्त कर रखी थी। अब यहां पर एक प्रश्न यह उठता है कि क्या ग्रहों का भी कोई शरीर या कोई काया थी जिस पर रावण ने विजय प्राप्त कर रखी थी या यह कोई काल्पनिक कहानी है। खैर यह एक बड़ा और विस्तृत टॉपिक है जिसे मैं आगे आने वाली अपनी पोस्ट में बताऊंगा। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं कि ज्योतिष और विज्ञान में कौन श्रेष्ठ है।
वैज्ञानिक आज बहुत ही गर्व से कहते हैं की आज हम मंगल पर पहुंच गए हैं चंद्रमा पर पहुंच गए हैं और ब्रह्मांड से संबंधित बहुत सारी जानकारी हमने हासिल कर ली है। अरे भाई मैं पूछता हूं कि वैज्ञानिकों ने ग्रहों के बारे में ऐसी कौन सी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर ली है जो ज्योतिष में नहीं हैं यह सब जानकारी तो पहले से ही ज्योतिष के माध्यम से पता लग चुकी है बल्कि ज्योतिष तो विज्ञान से एक कदम और भी आगे हैं ज्योतिष के अन्तर्गत हम ग्रहों की गणना करके भूत वर्तमान और भविष्य बता सकते हैं परंतु विज्ञान को अभी तक यही पता करना मुश्किल पड़ रहा है की पृथ्वी का विनाश सूर्य के अन्दर सामाने से होगा या जब सूर्य का अंत होगा तब पृथ्वी का भी अंत हो जाएगा ऐसे बहुत सारे कंफ्यूजन है जिसमें विज्ञान और वैज्ञानिक दोनों अभी तक बहुत ही ज्यादा उलझे हुए हैं। जबकि ज्योतिष के माध्यम से यह बताया जा सकता है कि पृथ्वी का अंत कब और कैसे होगा।
आज के समय में अगर किसी गलत गणना या किसी अज्ञानी ज्योतिषी की गलती से कोई भविष्यवाणी गलत हो जाती है तो लोग सीधे तौर पर ज्योतिष को नकार देते कि ज्योतिष साइंटिफिक नहीं है। अब हम साइंटिफिक तरीके की बात करते हैं। थॉमस अल्वा एडिसन विश्व के महान वैज्ञानिको में एक है जिन्होंने इलेक्ट्रिक बल्ब का आविष्कार किया है। इस बल्ब के आविष्कार करने में एडिसन ने 10,000 से ज्यादा एक्सपेरिमेंट किए और हर बार फेल हुऐ थे। इसका मतलब यह नहीं साइंस गलत है। बस साइंस को समझने में और उसका इस्तेमाल करने में एडीसन को थोड़ी देर लग गयी या फिर यह कहें की साइंस के उस सूत्र को समझने में थॉमस अल्वा एडीसन ने देर कर दी जिससे बल्ब बनता है। जब 10,000 से ज्यादा एक्सपेरिमेंट फेल होने के बाद भी साइंस को गलत नहीं माना जा सकता। तो फिर कुछ अज्ञानी ज्योतिषियों द्वारा की गयी गलत भविष्यवाणियों की वजह से ज्योतिष को कैसे गलत कहा जा सकता है। ज्योतिष साइंस से ज्यादा मजबूत और स्पष्ट है बस देर है तो उसे ठीक से समझने की। यह पोस्ट कुछ ज्यादा ही लंबी हो गई इसलिए इसे हम आगे भी क्रमशः रखेंगे। आगे में आपको बताऊंगा कि विज्ञान किस तरीके से पृथ्वी को विनाश की ओर ले जा रहा है और वहीं दूसरी तरफ ज्योतिष किस तरह पृथ्वी को विनाश से बचाने के प्रयास कर रहा है।
वैज्ञानिक आज बहुत ही गर्व से कहते हैं की आज हम मंगल पर पहुंच गए हैं चंद्रमा पर पहुंच गए हैं और ब्रह्मांड से संबंधित बहुत सारी जानकारी हमने हासिल कर ली है। अरे भाई मैं पूछता हूं कि वैज्ञानिकों ने ग्रहों के बारे में ऐसी कौन सी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर ली है जो ज्योतिष में नहीं हैं यह सब जानकारी तो पहले से ही ज्योतिष के माध्यम से पता लग चुकी है बल्कि ज्योतिष तो विज्ञान से एक कदम और भी आगे हैं ज्योतिष के अन्तर्गत हम ग्रहों की गणना करके भूत वर्तमान और भविष्य बता सकते हैं परंतु विज्ञान को अभी तक यही पता करना मुश्किल पड़ रहा है की पृथ्वी का विनाश सूर्य के अन्दर सामाने से होगा या जब सूर्य का अंत होगा तब पृथ्वी का भी अंत हो जाएगा ऐसे बहुत सारे कंफ्यूजन है जिसमें विज्ञान और वैज्ञानिक दोनों अभी तक बहुत ही ज्यादा उलझे हुए हैं। जबकि ज्योतिष के माध्यम से यह बताया जा सकता है कि पृथ्वी का अंत कब और कैसे होगा।
आज के समय में अगर किसी गलत गणना या किसी अज्ञानी ज्योतिषी की गलती से कोई भविष्यवाणी गलत हो जाती है तो लोग सीधे तौर पर ज्योतिष को नकार देते कि ज्योतिष साइंटिफिक नहीं है। अब हम साइंटिफिक तरीके की बात करते हैं। थॉमस अल्वा एडिसन विश्व के महान वैज्ञानिको में एक है जिन्होंने इलेक्ट्रिक बल्ब का आविष्कार किया है। इस बल्ब के आविष्कार करने में एडिसन ने 10,000 से ज्यादा एक्सपेरिमेंट किए और हर बार फेल हुऐ थे। इसका मतलब यह नहीं साइंस गलत है। बस साइंस को समझने में और उसका इस्तेमाल करने में एडीसन को थोड़ी देर लग गयी या फिर यह कहें की साइंस के उस सूत्र को समझने में थॉमस अल्वा एडीसन ने देर कर दी जिससे बल्ब बनता है। जब 10,000 से ज्यादा एक्सपेरिमेंट फेल होने के बाद भी साइंस को गलत नहीं माना जा सकता। तो फिर कुछ अज्ञानी ज्योतिषियों द्वारा की गयी गलत भविष्यवाणियों की वजह से ज्योतिष को कैसे गलत कहा जा सकता है। ज्योतिष साइंस से ज्यादा मजबूत और स्पष्ट है बस देर है तो उसे ठीक से समझने की। यह पोस्ट कुछ ज्यादा ही लंबी हो गई इसलिए इसे हम आगे भी क्रमशः रखेंगे। आगे में आपको बताऊंगा कि विज्ञान किस तरीके से पृथ्वी को विनाश की ओर ले जा रहा है और वहीं दूसरी तरफ ज्योतिष किस तरह पृथ्वी को विनाश से बचाने के प्रयास कर रहा है।
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